ऑपरेशन कालनेमि : असामाजिक तत्वों पर उत्तराखंड पुलिस की बड़ी कार्रवाई
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन और पुलिस मुख्यालय की देखरेख में चलाए जा रहे “ऑपरेशन कालनेमि” के तहत उत्तराखंड पुलिस ने अब तक राज्यभर में बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस का कहना है कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य देवभूमि की सांस्कृतिक धरोहर, जनता की आस्था और मूल स्वरूप की रक्षा करना है।
अब तक की कार्रवाई
🔹 5500 से अधिक लोगों का सत्यापन
🔹 14 से अधिक गिरफ्तारियां
🔹 1182 व्यक्तियों पर निरोधात्मक कार्यवाही
हरिद्वार और देहरादून में सबसे ज्यादा सत्यापन किया गया है। हरिद्वार में 2704 और देहरादून में 922 व्यक्तियों की जांच हुई, जिनमें से क्रमशः 3 और 5 को गिरफ्तार किया गया।
पकड़े गए मामले
- देहरादून में बांग्लादेशी नागरिक डॉक्टर बनकर अवैध क्लिनिक चलाता मिला, जिसे गिरफ्तार कर विदेशी अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया गया।
- सेलाकुई क्षेत्र में पहचान छिपाकर युवतियों को प्रेमजाल में फंसाने वाले आरोपी पर दोबारा कार्रवाई।
- धर्म परिवर्तन के अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश, जिसमें दिल्ली, आगरा और दुबई से जुड़े आरोपी सामने आए। कई अभियुक्तों पर वारंट जारी कर दिया गया है।
- टिहरी में फर्जी आईएएस अधिकारी बनकर ठगी करने वाला शख्स गिरफ्तार।
- सहसपुर से साधु के भेष में घूम रहे बांग्लादेशी को पकड़ा गया।
- हरिद्वार में फर्जी तांत्रिकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
- पिरान कलियर उर्स में दो बांग्लादेशी नागरिक चिन्हित हुए जिन्हें डिटेंशन सेंटर भेजा गया।
- ज्वालापुर से भगवान शिव का वेश धारण कर ठगी और महिलाओं से दुष्कर्म करने वाला आरोपी गिरफ्तार।
- श्रावण कांवड़ मेले में कांवड़ियों के बीच भीड़ भड़काने वाले तीन बहरुपिए बाबाओं को पुलिस ने पकड़ा, जिनमें से एक 20 साल से लापता व्यक्ति निकला।
पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था नीलेश आनंद भरणे ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि ऑपरेशन कालनेमि ने समाज में स्पष्ट संदेश दिया है कि “उत्तराखंड पुलिस आस्था और संस्कृति से खिलवाड़ करने वाले किसी भी तत्व को बख्शने के पक्ष में नहीं है।”
अभियान आगे भी जारी रहेगा।
