विष्वविद्यालय में 116वें प्रसिद्ध कृषि कुम्भ का शुभारम्भ
पंतनगर। 4 अक्टूबर 2024। विष्वविद्यालय के 116वें अखिल भारतीय किसान मेले एवं कृषि उद्योग प्रदर्षनी का उद््घाटन आज मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा फीता काटकर किया गया। उद््घाटन सत्र में कुलपति, डा. मनमोहन सिंह चैहान; विषिष्ठ अतिथि उप महानिदेषक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली डा. ऊधम सिंह गौतम, किच्छा विधायक श्री तिलक राज बहेड़, रूद्रपुर विधायक एवं विष्वविद्यालय प्रबंधन परिषद के सदस्य श्री षिव अरोरा, पूर्व किच्छा विधायक एवं विष्वविद्यालय प्रबंधन परिषद के सदस्य श्री राजेष शुक्ला एवं अध्यक्ष कृषि विपणन उद्योग श्री अनिल कुमार डब्बू उपस्थित थे। मेले के उद्घाटन के पश्चात कुलपति, डा. मनमोहन सिंह चैहान द्वारा मुख्यमंत्री को मेले में लगी उद्यान प्रदर्षनी तथा विष्वविद्यालय द्वारा लगी विभिन्न प्रदर्षनियों के स्टालों का अवलोकन कराया गया। मुख्य उद्घाटन समारोह गांधी हाल सभागार में आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता कुलपति डा. मनमोहन सिंह चैहान द्वारा की गयी।
मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि विष्वविद्यालय के कुलपति डा. मनमोहन सिंह चैहान के प्रयासों से विष्वविद्याल शोध एवं प्रसार में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हरित क्रांति की जननी के रूप में विष्वविद्यालय का अपना स्थान है। उन्होंने बताया कि विष्वविद्यालय शोध किये छात्र देष ही नहीं वरन विदेषों में विष्वविद्यालय का परचम लहरा रहे है विष्वविद्यालय के एल्युमिनाई का क्षेत्र भी काफी बढ़ा है। उन्होंने कहा कि किसानों की उन्नति के लिए एक वर्ष में विष्वविद्यालय द्वारा दो बार किसान मेले का आयोजन किया जाता है और किसान मेले के माध्यम से कृषक, वैज्ञानिक एवं उद्यमी एक जगह पर मिल जाते है, जिससे हमारे दृष्टिकोण में बढोत्तरी होती है और कृषि से जुडे हुए वस्तुए मिल जाती है। मुझे इस बात की प्रषन्नता है कि किसान मेला जोकि कृषि कुम्भ के रूप में जाना जाता है में बहुत सारे स्टाल लगे हुए है। हमे नवाचार पर बल देने की आवष्यकता है जिससे की माननीय प्रधानमंत्री के 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार होने में मद्द मिलेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री के किसानों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के बारे में भी बताया क्योंकि तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा सर्वप्रथम किसान सम्मान निधि की पत्रावली पर हस्ताक्षर किया गया। उत्तराखण्ड के 8 लाख से अधिक किसान सम्मान निधि से लाभान्वित हो रहें है। उत्तराखण्ड के कृषकों को 3 लाख तक का ऋण बिना गारंटी के उपलब्ध कराया जा रहा है और कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिषत की सब्सिडी है। नहर से सिंचाई अब निःषुल्क है। चाय बगान जैविक खेती के माध्यम से विकसित करने पर बल दिया जा रहा है तथा 6 एरोमा वेली विकसित की जा रहीं है। उन्होंने कहा कि पालिहाऊस में अच्छी सब्जियां और अच्छे फूल पैदा करने की बहुत संभावनाएं है और हम दिल्ली के नजदीक है इसलिए इन उत्पादों का अच्छा मूल्य प्राप्त होगा। जलवायु परिर्वतन के परिपेक्ष में क्लाइमेट स्मार्ट कृषि के लिए उन्होंने आह्वाहन किया तथा लगातार प्रषिक्षण पर भी बल दिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि द्वारा हरेला गार्डन का वर्चुअल माध्यम से उदघाटन भी किया गया।
डा. ऊधम सिंह गौतम ने कहा कि देष में जलवायु परिवर्तन एवं बढ़ती जनसंख्या की चुनौतियों को देखते हुए प्रधानमंत्री द्वारा 2047 तक विकसित भारत होना है, जिसके लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा षिक्षण, अनुसंधान एवं विस्तार पर कार्य करना प्रारम्भ कर दिया है। उन्होंने बताया कि इस मेले में किसानों हेतु विभिन्न नवीन शोध, नवीन तकनीक उपलब्ध है जिससे किसान इन तकनीको को अपनाकर उद्यमी बन सके। उन्होंने कहा 2047 में अगर सारा किसान उद्यमी बनेगा तभी हमारा देष विकसित होगा।
कुलपति डा. मनमोहन सिंह चैहान ने सभी अतिथियों का स्वागत कर कहा कि माननीय मुख्यमंत्री के कार्यकाल में उत्तराखण्ड की जीडीपी में 1.3 गुना की वृद्धि हुई है। विष्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाष डालते हुए उन्होंने कहा कि विष्वविद्यालय पिछले साल की तुलना में 50 पायदान उपर आते हुए क्यूएस वल्र्ड रेंकिंग में 311वां स्थान हासिल किया है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में सबसे अधिक वैज्ञानिक हमारे विष्वविद्यालय से चयनित होते है। उन्होंने बताया कि 2 वर्षों में देष में दलहन की 28 प्रजातियां विकसित की है जिसमें पन्तनगर विष्वविद्यालय द्वारा 10 प्रजाति विकसित की है। कृषकों हेतु कुल 300 प्रषिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये गये और कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिक कृषकों के लाभार्थ लगातार प्रयासरत है। विष्वविद्यालय में द्रोण, आर्टिफिसियल इंटेलिजेन्स तथा प्रीसिजन फार्मिंग पर कार्य हो रहा है। उन्होंने विष्वविद्यालय को ग्लोबल स्तर पर ले जाने पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा दो वर्षों में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सात एमओयू (करार) हुए है जिसमें रसियन युनिवर्सिटी के साथ एक एमओयू पर करार हुआ जिसमें दोनों विष्वविद्यालयों के विद्यार्थी एवं वैज्ञानिक शौध एवं षिक्षा प्राप्त कर सकते है। उन्होंने कहा कि इस किसान मेले में 400 से अधिक स्टाल लगाये गये है।
कार्यक्रम के अंत में निदेषक प्रसार षिक्षा डा. जितेन्द्र क्वात्रा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर मंचासीन अतिथियों द्वारा विभिन्न कृषि साहित्यों का विमोचन किया गया तथा उत्तराखण्ड के विभिन्न जिलों के कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से चयनित 9 प्रगतिषील कृषकों को सम्मानित किया गया। गांधी हाल में जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, जिला विकास अधिकारी, एसडीएम, अधिष्ठाता, निदेषकगण, संकाय सदस्य, किसान, विद्यार्थी, वैज्ञानिक, षिक्षक, अधिकारी, विभिन्न कम्पनियों के प्रतिनिधि एवं अन्य आगंतुक उपस्थित थे। मेले में उत्तराखण्ड के विभिन्न