बड़ी खबर (रामनगर) फिर वन तस्करी की घटना को अंजाम देने आया था वन तस्कर,वन विभाग ने किया गिरफ्तार ।।


(समाचार सारांश टीम नेटवर्क)

रामनगर। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व बिजरानी रेंज के बफर क्षेत्र में 28 मार्च को सागौन के पेड़ काटने के मामले में वन विभाग को बड़ी सफलता मिली है फरार चल रहे मुख्य तस्कर स्वर – जिला रामपुर उत्तर प्रदेश निवासी आरोपी फरहाद खान को कॉर्बेट प्रशासन ने गिरफ्तार कर लिया है। फरहाद खान पुनः अवैध वृक्षों के कटान की घटना को अंजाम देने रामनगर पहुंचा था, जिसकी मुखबिर की सूचना पर मय ट्रक के साथ पकड़ा गया है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पार्क वार्डन अमित ग्वासाकोटी ने जानकारी देते – हुए बताया कि रविवार देर शाम पार्क – एसओजी की टीम ने फरहाद को एक – आइसर ट्रक संख्या यूके 18 सी ए 3504 के साथ दबोच लिया, ट्रक में – अवैध लकड़ी की तस्करी की तैयारी थी, इस सफलता के साथ ही अब – प्रशासन फरहाद से पूछताछ कर उसके अन्य साथियों के बारे में भी जानकारी जुटा रहा है। बता दें कि 28 मार्च को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बिजरानी रेंज के रिंगोड़ा क्षेत्र में तस्करों ने नेशनल हाईवे 309 के किनारे बफर क्षेत्र से 6 सागौन के वृक्षों का अवैध कटान किया था, इस घटना के बाद पार्क प्रशासन में हड़कंप मच गया था और मामले की गंभीरता को देखते हुए निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने तत्काल जांच के आदेश दिए थे, जांच का जिम्मा पार्क वार्डन अमित ग्वासाकोटी को सौंपा गया था। रामनगर से लेकर पीरुमदारा, कुंडा, बन्नाखेड़ा आदि स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों को चेक किया गया। जांच में पता चला कि घटना में शामिल तस्कर स्योहारा जिला बिजनौर के रहने वाले हैं, घटना के तुरंत बाद कॉर्बेट प्रशासन ने मुखबिरों की मदद से स्योहारा में छापेमारी कर एक आरा मशीन से 10 अवैध सागौन के गिल्टे बरामद किए

है। यह मामला इसलिए भी बेहद गंभीर माना जा रहा है क्योंकि यह कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के भीतर संरक्षित क्षेत्र में घुसकर की गई पहली बड़ी वन तस्करी की घटना है जिससे वन विभाग की कार्य प्रणाली पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहा है। पार्क प्रशासन ने अब रिजर्व क्षेत्र में गश्त और निगरानी बढ़ा दी है, ड्रोन से निगरानी के अलावा फील्ड स्टाफकी गश्ती टीमों को भी सतर्क कर दिया गया है। पार्क वार्डन अमित ग्वासाकोटी ने बताया कि टीम लगातार तस्करों की तलाश में दबिश दे रही है, इस गिरोह में शामिल सभी आरोपियों को जल्द ही गिरिता से कि आरोपियों कोऔरक्षित वन क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं कतई नहीं की जाएंगी।

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