मुख्य लोको निरीक्षकों ने कहा कि कवच से काफी मदद मिलेगी।
लोको पायलटों की सुविधा और सुरक्षा बढ़ाने के लिए रेलवे लगातार प्रयास कर रहा है
रेल मंत्री ने मुख्य लोको निरीक्षकों के साथ बातचीत की
गोरखपुर
केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपनी नासिक यात्रा के दौरान मुख्य लोको निरीक्षकों के साथ बातचीत की। ये लोको निरीक्षक नासिक के भारतीय रेल विद्युत इंजीनियरिंग संस्थान (आई.आर.आई.ई.ई.एन.) में प्रशिक्षण ले रहे थे। रेलमंत्री ने लोकोमोटिव परिचालन के आधुनिकीकरण और भारतीय रेलवे पर सुरक्षा उपायों को बढ़ाने से संबंधित विभिन्न प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की।
श्री वैष्णव ने मुख्य लोको निरीक्षकों के साथ सामान्य रूप से उनके प्रशिक्षण अनुभवों और विशेष रूप से कवच के उपयोग के बारे में बातचीत की। मुख्य लोको निरीक्षकों ने इस बारे में अपनी अंतर्दृष्टि साझा की कि कैसे कवच प्रणाली ट्रेन संचालन के दौरान गति बनाए रखने और सुरक्षा और समयबद्धता दोनों में सुधार करने में उनका आत्मविश्वास बढ़ाती है। चर्चा आधुनिक ब्रेकिंग सिस्टम, लोकोमोटिव में नई तकनीक और प्रभावी चालक दल प्रबंधन प्रैक्टिस पर भी केंद्रित थी।
भोपाल मंडल के मुख्य लोको निरीक्षक श्री एस के राठी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि “जैसे इंटरलॉकिंग स्टेशन मास्टर, ट्रैकमैन के लिए पी.एस.सी. स्लीपर ट्रैक मदद करती है, वैसे ही कवच तकनीक लोको पायलटों को सुरक्षित ट्रेन संचालन में मदद करती है। इसी क्रम में, एक अन्य मुख्य लोको निरीक्षक ने कहा कि कवच तकनीक न केवल सुरक्षित ट्रेन संचालन की ओर ले जाती है, बल्कि उन्हें और उनके परिवार को तनाव मुक्त भी रखती है। कवच एस.पी.ए.डी. (सिग्नल पासिंग एट डेंजर) घटनाओं को रोकने में मदद करता है और लेवल क्रॉसिंग गेटों पर सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
रेलमंत्री ने 100 प्रतिशत वातानुकूलित रनिंग रूम और रनिंग स्टाफ के लिए बेहतर सुविधाओं सहित चालक दल के लिए कामकाजी परिस्थितियों में सुधार के लिए रेलवे के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने ड्यूटी रोस्टर को विभाजित करके ड्यूटी के घंटों को कम करने और लोको कैब को एयर कंडीशनिंग, शौचालय और एर्गोनोमिक सीटों से लैस करके उनकी सुरक्षा बढ़ाने के चल रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला।
रेलमंत्री श्री वैष्णव ने मुख्य लोको निरीक्षक से उपयोग में लायी जा रही आधुनिक प्रौद्योगिकियों का पूरा लाभ उठाने का आग्रह किया और भारतीय रेलवे के उच्च मानकों को बनाए रखने में निरंतर सीखने, समर्पण और प्रतिबद्धता के महत्व पर जोर दिया।