गुमशुदा नाबालिग को गुजरात से सकुशल बरामद — एएचटीयू, कोटद्वार की संवेदनशील कार्यवाही से मिली नई ज़िंदगी
कोटद्वार, 4 नवम्बर।
जनपद पौड़ी की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) और कोटद्वार पुलिस टीम ने संयुक्त अभियान चलाते हुए एक 17 वर्षीय गुमशुदा बालिका को गुजरात के सूरत शहर से सकुशल बरामद कर मानवीय संवेदनशीलता का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री सर्वेश पंवार के निर्देशन में यह कार्रवाई की गई। बालिका के परिजनों ने 07 अक्तूबर 2025 को उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट कोतवाली कोटद्वार में दर्ज कराई थी। कई दिनों की खोजबीन के बाद 30 अक्तूबर को गुजरात पुलिस से सूचना मिली कि सूरत में एक नाबालिग बालिका लावारिस अवस्था में मिली है, जो स्वयं को कोटद्वार निवासी बता रही है।
एएचटीयू व कोटद्वार पुलिस की संयुक्त टीम, बालिका की माता के साथ तत्काल सूरत पहुँची और आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी कर बालिका को सुरक्षित वापस लाया गया।
अद्भुत तत्परता का परिचय देते हुए, कोटद्वार पहुंचने के बाद जब बालिका अचानक दोबारा लापता हो गई, तो पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बस अड्डा कोटद्वार पर दिल्ली जाने वाली बस से बालिका को पुनः बरामद कर लिया।
बालिका की मानसिक स्थिति को देखते हुए, उसकी माता के आग्रह पर पुलिस टीम ने बाल कल्याण समिति (CWC) से परामर्श कर उसे राजकीय बालिका महिला पुनर्वास केंद्र, सिंबलचौड़ में दाखिल कराया गया है, जहाँ उसका उपचार और काउंसलिंग चल रही है।
एएचटीयू, कोटद्वार की इस मानवीय और तेज़ कार्यवाही की क्षेत्र में सराहना की जा रही है।
पुलिस टीम की संवेदनशीलता और फुर्ती से एक परिवार को अपनी बेटी वापस मिल सकी — यह अभियान “जनसेवा और मानवता के प्रति उत्तराखंड पुलिस की प्रतिबद्धता” का प्रमाण है।


