बड़ी खबर (ब्रिटेन) मिर्जापुर के लाल की धमक. पांच साल में बने वेलिंगबोरो के मेयर


वेलिंगबोरो (इंग्लैंड) | मिर्जापुर (भारत)।

राज मिश्रा — एक नाम, जो इन दिनों न केवल इंग्लैंड बल्कि भारत खासकर उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में गर्व और प्रेरणा का प्रतीक बन गया है। मिर्जापुर जिले के छोटे से गांव भटेवरा से निकलकर इंग्लैंड के वेलिंगबोरो टाउन के मेयर पद तक पहुंचना कोई साधारण उपलब्धि नहीं है। लेकिन राज मिश्रा ने यह असाधारण काम कर दिखाया है। वे वेलिंगबोरो टाउन काउंसिल के पहले भारतीय मूल के मेयर बन गए हैं, जो शहर की 80 हजार की आबादी में लगभग 1% भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं।
कौन हैं राज मिश्रा?
राज मिश्रा का पूरा नाम है राजकुमार मिश्रा। वे उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के भटेवरा गांव में जन्मे और पले-बढ़े। उनके पिता मुन्नालाल मिश्रा एक किसान हैं और मां चंद्रकली मिश्रा एक घरेलू महिला हैं। कुल 9 भाई-बहनों में राज मिश्रा सातवें नंबर पर हैं। उनके परिवार में पेशेवर विविधता भी देखने को मिलती है—कोई वकील है, कोई डॉक्टर, कोई शिक्षक और कोई प्राकृतिक खेती में प्रशिक्षक।
राज मिश्रा ने भारत में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और कुछ वर्षों तक आईटी क्षेत्र में काम करने के बाद करीब पांच साल पहले इंग्लैंड के वेलिंगबोरो में आकर बस गए। यहाँ वे सैम एआई सॉल्यूशंस नामक कंपनी के सह-संस्थापक हैं, जिसे वे अपनी पत्नी अभिषेकता पांडेय के साथ चलाते हैं। अभिषेकता भी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और उत्तर प्रदेश के ही प्रतापगढ़ जिले से ताल्लुक रखती हैं।
राजनीति में कदम और ऐतिहासिक जीत
राज मिश्रा ने इंग्लैंड आकर सिर्फ तकनीकी क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक जीवन में भी सक्रिय भागीदारी शुरू की। वे कंजरवेटिव पार्टी के सदस्य बने और स्थानीय स्तर पर सामाजिक सेवा के कार्यों से अपनी पहचान बनाई। यही सामाजिक जुड़ाव उन्हें जनता के करीब ले गया।
3 मई 2025 को, राज मिश्रा को विक्टोरिया वार्ड से टाउन काउंसलर चुना गया और इसके कुछ ही दिन बाद, 13 मई को, उन्हें वेलिंगबोरो टाउन का मेयर बना दिया गया। यह इंग्लैंड में बसे भारतीय समुदाय के लिए गर्व की बात है, विशेषकर इसलिए कि जिस शहर में भारतीय मूल की आबादी मात्र 1% है, वहाँ किसी भारतीय को मेयर बनना बेहद दुर्लभ है।
नई जिम्मेदारी और दृष्टिकोण
अपनी नियुक्ति के बाद, राज मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में कहा “जब मैं वेलिंगबोरो टाउन आया था, तो मैंने सोचा भी नहीं था कि मेरा सफर यहीं तक होगा। मैं अपनी नई भूमिका को लेकर उत्साहित हूं। मैं लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा। मैं एक ऐसा शहर बनाना चाहता हूं जो टिकाऊ, स्मार्ट, समावेशी और विविधतापूर्ण हो।”
उनकी यह सोच इंग्लैंड की मौजूदा स्थानीय राजनीति में एक नई दिशा दर्शाती है, जो विविधता, समावेश और तकनीकी नवाचार की ओर बढ़ रही है।
राज मिश्रा का दृष्टिकोण : ‘स्मार्ट एंड सस्टेनेबल वेलिंगबोरो’राज मिश्रा की योजना है कि वेलिंगबोरो को एक ऐसा शहर बनाया जाए।
जहाँ हर वर्ग, हर समुदाय को समान अवसर मिले।
जहाँ युवाओं के लिए तकनीकी और शैक्षिक अवसर बढ़ाए जाएं।
जहाँ स्मार्ट टेक्नोलॉजी से प्रशासनिक प्रक्रियाएं सरल और पारदर्शी बनें।
जहाँ पर्यावरण को प्राथमिकता दी जाए और हरित नीतियों को लागू किया जाए।
वे इस दिशा में अपने आईटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुभव का लाभ उठाकर प्रशासनिक दक्षता को बेहतर बनाना चाहते हैं।
गांव की मिट्टी से जुड़ाव आज भी कायम
हालांकि राज मिश्रा अब इंग्लैंड में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक पद पर हैं, मगर उनका जुड़ाव अपनी मिट्टी से आज भी अटूट है। भटेवरा गांव में उनका पूरा परिवार आज भी निवास करता है। गांव के लोग आज उन्हें मिसाल के तौर पर देखते हैं और बच्चों के लिए प्रेरणा मानते हैं। उनका गांव आज गर्व से कह रहा है कि उसका बेटा विदेश में भारत का नाम रोशन कर रहा है।
ब्रिटिश समाज में भारतीयों की बढ़ती भूमिका
राज मिश्रा की यह सफलता सिर्फ उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह उस बदलते ब्रिटिश समाज का भी परिचायक है जो अब विभिन्न जातीयताओं और सांस्कृतिक पृष्ठभूमियों से आने वाले लोगों को आगे आने के अवसर दे रहा है।
हाल के वर्षों में इंग्लैंड में भारतीय मूल के नेताओं की मौजूदगी बढ़ी है—ऋषि सुनक इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं। अब स्थानीय राजनीति में भी भारतीय समुदाय की भागीदारी बढ़ रही है।
प्रेरणा बन चुके हैं राज मिश्रा
राज मिश्रा आज उस हर युवा के लिए मिसाल हैं जो छोटे कस्बों या गांवों से निकलकर बड़ा सपना देखता है। उन्होंने दिखाया है कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो, मेहनत ईमानदार हो और दृष्टिकोण सकारात्मक हो, तो मिर्जापुर जैसे गांव से उठकर भी लंदन की गलियों में नेतृत्व की कमान संभाली जा सकती है।
वे एक उदाहरण हैं उस “नए भारत” का जो अब वैश्विक नेतृत्व में अपनी छाप छोड़ रहा है — चाहे वो विज्ञान हो, तकनीक हो या राजनीति।

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