पन्तनगर विष्वविद्यालय एवं उत्तराखण्ड मुक्त विष्वविद्यालय तथा नेक्सीकान कम्पनी के साथ करार
पंतनगर-: गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिक विष्वविद्यालय, पन्तनगर द्वारा आज दो करार (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गये। पहला एमओयू उत्तराखण्ड मुक्त विश्विद्यालय के साथ हुआ। समझौता ज्ञापन पर पन्तनगर विष्वविद्यालय के कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान एवं उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति डा. ओ.पी.एस. नेगी ने हस्ताक्षर किया। इस अवसर पर उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. हेम राज भट्ट द्वारा किये जा रहे एमओयू की महत्ता एवं उसके उद्देष्य पर प्रकाष डाला गया। इस एमओयू के अन्तर्गत विभिन्न विषयों का समावेष है। उदाहरणार्थ दोनों संस्थानों के बीच मूक्स एवं डिजिटल कांटेंट का अदान-प्रदान, ई-कांटेंट का अदान-प्रदान, शोध एवं प्रसार कार्यक्रमों को बढ़ावा देना, प्रशिक्षण के दौरान क्षमता विकास, कार्यषाला एवं संगोष्ठियों का आयोजन, तकनीकी ज्ञान का अदान-प्रदान आदि शामिल है।
दूसरा एमओयू बेंगलुरु स्थित नेक्स्टिक्रॉन टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के साथ हुआ, जिसका उद्देष्य पंतनगर विश्वविद्यालय को सेमीकंडक्टर डिजाइन के लिए एक अग्रणी प्रशिक्षण केन्द्र बनाने का है। समारोह में बोलते हुए कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान ने इस बात पर जोर दिया कि विश्वविद्यालयों को ‘उभरती प्रौद्योगिकियों में सबसे आगे रहना चाहिए’ और भारत के आत्मनिर्भरता लक्ष्यों को पूरा करने के लिए छात्रों के बीच उद्यमशीलता की मानसिकता को बढ़ावा देना चाहिए। प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. एस.एस. गुप्ता ने सेमीकंडक्टर उद्योग के रणनीतिक महत्व और घरेलू फ़ैब और डिज़ाइन हाउस को अत्यधिक कुशल कार्यबल की आपूर्ति में स्टार्ट-अप की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। डा. आर.पी.एस. गंगवार, प्राध्यापक और ईसीई के प्रमुख और स्व-वित्तपोषित पाठ्यक्रमों के निदेशक ने समझौता ज्ञापन के मुख्य प्रावधानों का सारांश दियारू परिसर में एक उच्च तकनीक ऊष्मायन केंद्र का निर्माण। प्रति वर्ष लगभग रू. 10 करोड़ मूल्य के उद्योग-ग्रेड ईडीए टूल लाइसेंस तक पहुंच।