एक्सक्लूसिव रिपोर्ट – हल्द्वानी रेस्टोरेंट केस
हल्द्वानी। लगभग 12 साल पुराने सनसनीखेज मामले में शुक्रवार को अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया। हल्द्वानी के दुर्गा सिटी सेंटर स्थित मचान रेस्टोरेंट में खाना खाने गए परिवार की खुशियां उस समय मातम में बदल गई थीं, जब वहां परोसे गए पानी ने महिला की जान पर बना दी थी। अब न्यायालय ने रेस्टोरेंट संचालक को दो वर्ष के साधारण कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
क्या था मामला
20 दिसंबर 2013 को लालकुआं निवासी रामप्रकाश साहनी के भतीजे नरेश साहनी अपनी पत्नी धीरज साहनी और साली के परिवार के साथ रेस्टोरेंट पहुंचे थे। खाना खाते समय धीरज ने जब पानी की बोतल खोली और एक घूंट पिया, तो उसका गला और मुंह बुरी तरह जल गया। हालत बिगड़ने पर उसे आनन-फानन अस्पताल ले जाया गया।
इलाज में 18 दिन, खर्च हुए चार लाख
पहले उसे कृष्णा हॉस्पिटल, हल्द्वानी में भर्ती किया गया, जहां डॉक्टरों ने पाया कि मुंह जला हुआ है, शुगर लेवल और लीवर एंजाइम असामान्य रूप से बढ़े हुए हैं, साथ ही रक्तचाप भी अनियंत्रित था। हालात बिगड़ते देख रेफर किया गया और बरेली में 18 दिन तक इलाज चला। करीब चार लाख रुपये खर्च के बाद उसकी जान बच सकी।
जांच में खुलासा – पानी में था ज़हर जैसा एसिड
परिवार ने संदिग्ध बोतल पुलिस को सौंप दी थी। जांच के लिए बोतल को सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री, चंडीगढ़ भेजा गया। फोरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. सुखविंद कौर की रिपोर्ट ने सनसनी मचा दी—बोतल के पानी में 99.8 प्रतिशत एसिटिक एसिड मिला हुआ था।
कोर्ट का फैसला
इस मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 285 और 338 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। लंबी सुनवाई के बाद प्रथम अपर सिविल जज जूनियर डिविजन/न्यायिक मजिस्ट्रेट आदर्श त्रिपाठी ने शुक्रवार को रेस्टोरेंट संचालक अखिलेश सेमवाल को दोषी मानते हुए सजा सुनाई।
- धारा 285 के तहत – 6 माह का साधारण कारावास
- धारा 338 के तहत – 2 वर्ष का साधारण कारावास और 1 लाख रुपये का जुर्माना
दूसरे आरोपी कुंदन राम ने अपराध स्वीकार कर अर्थदंड जमा कर दिया था।
यह मामला रेस्तरां की लापरवाही और मिलावटी उत्पादों पर प्रशासनिक निगरानी की गंभीर कमी को उजागर करता है।


