राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी से सीएचसी कोटाबाग के लिए उड़ान भर कल पहुंच ड्रोन
हल्द्वानी। राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटाबाग के बीच ब्लड सेंपल और दवा लेकर उड़े ड्रोन का परीक्षण सफल हुआ है। ड्रोन के माध्यम से 3 से 5 किलो तक मेडिकल सामाग्री पहुंचाई जा सकती है। अब ड्रोन की मदद से दुर्गम क्षेत्रों के सीएचसी सेंटरों में आपातकालीन व आपदा के समय विशेष दवाओं को कम समय में भेजना आसान हो जायेगा।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत के दिशा-निर्देश में मंगलवार को राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटाबाग के बीच ड्रोन सेवा का परीक्षण किया गया। बता दें कि भारत सरकार के प्रोजेक्ट ड्रोन सुदूरवर्ती क्षेत्रों में ड्रोन तकनीक से पहुंचाई जाएगी चिकित्सा सामग्री के तहत सुदूरवर्ती क्षेत्रों में ड्रोन तकनीक के माध्यम से मेडिकल सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है। यह ड्रोन 5 किलो तक का वजन लेकर 400 फीट की ऊंचाई पर 100 किमी का सफर कर सकता है। प्राचार्य डा. अरुण जोशी ने बताया कि ड्रोन सेवा भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है जिसका लाभ सुदूरवर्ती क्षेत्रों के लोगों को मिलेगा। बताया कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत लगातार प्रयासरत है कि चिकित्सा सेवा में ड्रोन सेवा का जल्द से जल्द सुचारू रूप से संचालन किया जाये ताकि ड्रोन सेवा का सर्वाधिक लाभ उन क्षेत्रों को मिले जहां परिवहन की सुविधा
उपलब्ध नहीं है व सुदूरवर्ती क्षेत्रों से ब्लड सेंपल मेडिकल कॉलेज में आते हैं तो उनकी जांच कर रिपोर्ट ड्रोन के माध्यम से भेजी जाये। भविष्य में अन्य सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी ड्रोन सेवा शुरू करने की योजना है, जहां परिवहन की सुविधा उपलब्ध नहीं है। उन क्षेत्रों में यदि किसी मरीज को आपातकालीन व आपदा में ब्लड, एंटी वेनम, दवाइयों आदि की आवश्यकता होगी तो ड्रोन सेवा के माध्यम से मेडिकल सामाग्री उपलब्ध करवायी जायेगी। डा. जोशी ने आशा जताई कि ड्रोन सेवा का विस्तार होने से मेडिकल चिकित्सकीय सुविधाओं में इजाफा होगा जिसका लाभ मरीजों को मिलेगा।