देहरादून
महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा झरना कामठान के हाल ही में जारी उस आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जिसमें शिक्षा निदेशालय में लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है, राज्य के प्रवक्ताओं और लाइसेंसधारी शिक्षकों (एलटी) के संगठन राजकीय शिक्षक संघ (आरएसएस) ने निदेशालय को बंद करने की मांग की है। शिक्षा महानिदेशक को लिखे पत्र में आरएसएस के अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा कि मौजूदा हालात में शिक्षा निदेशालय अपनी प्रासंगिकता खो चुका है और इसे बंद कर दिया जाना चाहिए।
उन्होंने सुझाव दिया कि शिक्षा निदेशालय के भवन का उपयोग विकास कार्यों के लिए किया जाना चाहिए और यहां तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को अन्य विभागों में समायोजित किया जाना चाहिए। चौहान ने कहा कि निदेशालय में तैनात अधिकारियों को शिक्षकों के मुद्दों से कोई सरोकार नहीं है और वे केवल अपने मुद्दों और पदोन्नति के मामलों में ही उलझे रहते हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से शिक्षकों की पदोन्नति बंद है, जबकि अन्य विभागों में पदोन्नति प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है। चौहान ने कहा कि शिक्षकों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर आरएसएस ने शिक्षा मंत्री, सचिव शिक्षा और विभाग के अन्य अधिकारियों से कई दौर की वार्ता की है, लेकिन शिक्षकों के अंतर-मंडल तबादलों को छोड़कर अन्य सभी मुद्दे जैसे पदोन्नति, वेतन वृद्धि, चयन ग्रेड, वेतन असमानता और यात्रा अवकाश का समाधान नहीं हो पाया है। उन्होंने यह भी मांग की कि शिक्षा निदेशालय, विद्या समीक्षा केंद्र, राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (एसआईईएमईटी) या राज्य प्रशासन में संबद्ध सभी शिक्षकों को तत्काल मूल पदस्थापन स्थान पर कार्यमुक्त किया जाए। चौहान ने चेतावनी दी कि यदि सभी अटैचमेंट रद्द नहीं किए गए तो आरएसएस बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू करेगा।