संविदा व दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के विनियमितीकरण नियमों में होगा संशोधन
देहरादून। उत्तराखण्ड शासन में दैनिक वेतन, कार्यप्रभारित, संविदा, नियत वेतन, अंशकालिक तथा तदर्थ कर्मचारियों के विनियमितीकरण को लेकर सरकार ने बड़ा कदम बढ़ाया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 28 अगस्त को आयोजित बैठक में “विनियमितीकरण (संशोधन) नियमावली, 2025” को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया।
बैठक में कार्मिक एवं सतर्कता, वित्त तथा न्याय विभाग के अधिकारी शामिल हुए। बताया गया कि वर्ष 2011 में पहली बार नियमावली लागू की गई थी, जिसके बाद 2013 में नई नियमावली आई। इसमें पाँच वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले कर्मचारियों को विनियमित करने का प्रावधान था। लेकिन 2018 में उच्च न्यायालय ने इस पर स्थगन आदेश दे दिया था।
22 फरवरी 2024 को उच्च न्यायालय ने अंतिम निर्णय सुनाते हुए स्पष्ट किया कि अब पाँच वर्ष के स्थान पर दस वर्ष की सेवा पूरी करने वाले ही विनियमितीकरण के पात्र होंगे।
बैठक में तय हुआ कि 4 दिसम्बर 2018 से पूर्व नियुक्त और दस वर्ष की निरन्तर सेवा पूर्ण करने वाले कर्मचारियों को नियमावली-2013 के तहत नियमितीकरण का लाभ मिलेगा। इसके लिए नई “विनियमितीकरण (संशोधन) नियमावली, 2025” का मसौदा मंत्रिमण्डल के समक्ष रखा जाएगा।
बैठक के अंत में मुख्य सचिव ने अधिकारियों को न्यायालय के आदेशों के अनुपालन और प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।
