बड़ी खबर(चंपावत) टनकपुर पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग भूस्खलन के चलते खोलना बना चुनौती, तो प्रशासन ने तलाशा यह विकल्प, देखें वीडियो।


चंपावत

जनपद में विगत दिनों हुई अतिवृष्टि व सक्रिय भूस्खलन से टनकपुर- पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 09 के किमी 106.300 (स्वाला) में पहाड़ी से लगातार जल रिसाव एवं अत्यधिक मलवा व बोल्डर आ रहे हैं। वर्तमान में उक्त स्थल पर अस्थाई तौर पर मार्ग बनाने के बाद भी कुछ समय उपरांत तैयार किया गया अस्थाई मार्ग पूर्ण रूप से धस रहा है, उक्त स्थान को प्रत्येक दिन यातायात हेतु सुचारु किए जाने के लिए समय-समय पर मार्ग तैयार किया जा रहा है, परंतु पहाड़ी की चोटी से फैले मलवे से लगातार हो रहे भूस्खलन एवं पत्थर गिरने से उक्त प्रयास सार्थक नहीं हो पा रहे हैं।


उक्त संबंध में जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने बताया की वैकल्पिक राष्ट्रीय राजमार्ग को सुरक्षित यातायात बनाए जाने हेतु वैकल्पिक व्यवस्था बनाए जाने के संबंध में जांच समिति का गठन किया गया। जांच समिति द्वारा अवगत कराया गया कि भूस्खलन क्षेत्र के ऊपर लगभग 60- 70 मी. भाग में मोटी-मोटी दरारें हैं जहां से अत्यधिक मात्रा में मलवा व कुछ पेड़ भी गिरे हैं। मार्ग को सुचारू किए जाने हेतु उक्त मलबे को हटाया जाना आवश्यक है। भूस्खलन क्षेत्र से 300 मी पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग पर ढेकीया खोला तोक को जाने वाली पैदल बटिया से होते हुए भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र की चोटी के मध्य में पहुंचने हेतु लगभग 600- 700 मी अवस्थित मार्ग को मशीन हेतु सुविधाजनक बनाए जाने के लिए लगभग 4.5 मी० चौड़ा रैंप बनाया जाने की आवश्यकता है। उक्त अवस्थित बटिया को मशीनों द्वारा सुलभ बनाए जाने के लिए मार्ग में कुल 6 पेड़ों को यथासंभव हटाये जाने की भी आवश्यकता है।
सामरिक महत्व की दृष्टिगत भूस्खलन क्षेत्र के चोटी में मौजूद मलबे को हटाए जाने की अपरिहार्यता की दृष्टिगत भूस्खलन के चोटी में पहुंचने हेतु प्रस्तावित में पैदल बटिया के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प नहीं है। राष्ट्रीय राजमार्ग 09 जनपद चंपावत एवम जनपद पिथौरागढ़ की संपूर्ण आबादी हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उक्त संबंध में जिलाधिकारी द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग खंड लोहाघाट को उक्तानुसार कार्रवाई करते हुए कार्य के दौरान अवस्थित अवसंरचनाओं को क्षति नहीं पहुंचाते हुए मलवा हटाए जाने का कार्य तत्काल प्रारंभ करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कार्य के दौरान ऑपरेटर एवं मजदूरों की सुरक्षा तथा राजमार्ग में आवागमन करने वाले वाहन एवम यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करने के अलावा उपरोक्त वर्णित कार्य अधिशासी अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग लोहाघाट एवं वन विभाग के नामित प्रतिनिधि की निगरानी में किए जाने तथा कार्य की प्रतिदिन की मय कोऑर्डिनेशन फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी कर उसे संरक्षित रखने के साथ साथ कार्य समाप्ति के उपरांत जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए
जिलाधिकारी ने निर्देश देते हुए कहा कि उक्त सभी कार्यों में दी गई शर्तों का उल्लंघन करने पर संबंधित अधिकारी/विभाग के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम- 2005 के तहत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

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