(समाचार सारांश टीम नेटवर्क) 12 वर्ष के बाद 26 नवंबर से शुरू होगी आराध्य मां इंद्रासणी देवी की देवयात्रा
रुद्रप्रयाग। जखोली ब्लॉक के सिलगढ़ क्षेत्र की आराध्य मां इंद्रासणी देवी की देवयात्रा आगामी 26 नवंबर से शुरू होगी। मंदिर परिसर में आचार्यगणों ने पंचांग गणना से देव यात्रा और महायज्ञ का दिन तय किया। साथ ही 12 वर्ष बाद हो रहे धार्मिक अनुष्ठान की तैयारियों को लेकर क्षेत्रीय जनता की बैठक भी हुई।
रविवार को कंडाली गांव स्थित इंद्रासणी देवी मंदिर में आयोजन समिति की मौजूदगी में आचार्यगण नंद पुरोहित और बुद्धिराम रतूड़ी ने देवी की देवयात्रा का शुभ मुहूर्त निकाला। पंचांग गणना के अनुसार 26 नवंबर को मां इंद्रासणी की मूर्ति को मंदिर के गर्भगृह से बाहर लाया जाएगा। यहां पर, देवी की मूर्ति का श्रृंगार कर डोली में विराजमान किया जाएगा। पुजारियों के द्वारा पूजा-अर्चना और धार्मिक परंपराओं के निर्वहन के उपरांत मां इंद्रासणी देव यात्रा के लिए प्रस्थान करेंगी। मां इंद्रासणी देवी देव यात्रा के तहत क्षेत्र के तहत अपने हक-हकूक के गांव जैली, महरगांव, सिरसोलिया, नागधार, पंद्रोला का भ्रमण करेगी। इसके उपरांत आराध्य भगवती नाली थाली के 50 से अधिक गांवों का भ्रमण करते हुए अपने भक्तों की कुशलक्षेम पूछने के साथ उनकी समस्याओं का निराकरण भी करेगी। दो माह के भ्रमण के उपरांत 27 जनवरी 2025 को पुनः कंडाली गांव पहुंचेगी और घर-घर भ्रमण करेगी। 30 जनवरी को मां इंद्रासणी देवी मंदिर परिसर में कुंडगज के साथ नौ दिवसीय महायज्ञ शुरू होगा। 6 फरवरी को महायज्ञ में जलयात्रा होगी और 7 फरवरी को पूर्णाहुति के साथ अनुष्ठान संपन्न होगा।